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रैगर जाति के संगठन में शीर्ष पर अखिल भारतीय रैगर महासभा है। प्रांतीय स्तर पर राजस्थान प्रांतीय रैगर महासभा- जयपुर, महाराष्ट्र रैगर महासभा- मुम्बई तथा दिल्ली प्रांतीय रैगर पंचायत- दिल्ली वगैरा है। नवम्बर, 1944 में रैगर समाज का पहला राष्ट्रीय स्तर का अखिल भारतीय रैगर महा सम्मेलन दौसा में हुआ था। इस सम्मेलन में रैगर समाज के महत्व को समझते हुए स्वामी आत्मारामजी लक्ष्य ने अखिल भारतीय रैगर महासभा की स्थापना की थी। स्वामी आत्मारामजी लक्ष्य अखिल भारतीय रैगर महासभा के संस्थापक है। इस संस्था के पहले प्रधान- श्री भोलाराम तोंणगरिया, उप प्रधान- पं. घीसुलाल सवांसिया, प्रधान मंत्री- श्री खूबराम जाजोरिया, प्रचार मंत्री- श्री कंवर सैन मौर्य व श्री जयचन्द्र मोहिल, स्वयं सेवक मंत्री- श्री प्रभुदयाल, कोषाध्यक्ष- श्री लालाराम जलुथरिया थे। इस संस्था का पंजीकरण वर्ष 1965-66 में हुआ। संस्था के विधान में चुनाव के लिए प्रतिनिधियों की संख्या राज्यवार निम्नानुसार निश्चित कदी गई।
राजस्थान 950, दिल्ली 200, मध्यप्रदेश 50, पंजाब 50, गुजरात 20 तथा महाराष्ट्र 20 = 1290
इस तरह पूरे भारत से 1290 प्रतिनिधि सदस्य अखिल भारतीय रैगर महासभा के चुनाव में भाग लेते थे। लेकिन 2013-2014 में हुए संविधान संशोधन में महासभा के आजीवन सदस्यों की संख्या को असिमित कर दिया गया ओर 1290 सदस्यों की सीमा को समाप्त कर दिया गया।
”देश के प्रत्येक प्रदेश, जिले एवं तहसील/ब्लॉक में अखिल भारतीय रैगर महासभा की शाखाऐं होगी जो अखिल भारतीय रैगर महासभा की प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के ना से नामित होगीं । ” प्रत्येक प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के निम्न पदाधिकारी होगें ।
”देश के प्रत्येक प्रदेश, जिले एवं तहसील/ब्लॉक में अखिल भारतीय रैगर महासभा की शाखाऐं होगी जो अखिल भारतीय रैगर महासभा के युवा प्रकोष्ठ के अंतर्गत प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के नाम से नामित होगीं। ” प्रत्येक प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के निम्न पदाधिकारी होगें।
”देश के प्रत्येक प्रदेश, जिले एवं तहसील/ब्लॉक में अखिल भारतीय रैगर महासभा की शाखाऐं होगी जो अखिल भारतीय रैगर महासभा के महिला प्रकोष्ठ के अंतर्गत प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के नाम से नामित होगीं । ” प्रत्येक प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के निम्न पदाधिकारी होगें ।
संस्था का नाम ” अखिल भारतीय रैगर महासभा ” (AKHIL BHARTIA RAIGAR MAHASABHA)
इस संस्था का पंजीकृत कार्यालय : श्री गंगा मन्दिर, रैगरपुरा चौक, आर्य समाज रोड़, करौल बाग, नई दिल्ली-5 में स्थित होगा तथा मुख्यालय – 9, संस्थानिक क्षेत्र, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, जयपुर (राजस्थान) 302015, जो कि कार्यकारिणी की स्वीकृति से अन्यत्र भी बदला जा सकेगा ।
3. इस संस्था के लक्ष्य एवं उद्देश्य निम्नलिखित होंगे
:-
(अ). इस सभा का लक्ष्य रैगर समाज का सर्वागीण उत्थान करना
और इसके गौरव को बनाए रखना होगा ।
(आ). रैगर समाज की सामाजिक, शैक्षणिक,
आध्यात्मिक और आर्थिक उन्नति करना तथा रैगर समाज के सामाजिक
अधिकारों का संरक्षण कराते हुए समाज की चहुंमुखी उन्नति करना
।
(इ). अपने अधिकारों तथा स्वत्व रक्षा के लिए सदाचार, संगठन
और निर्भयता का विस्तार करना ।
(ई). समाज के लिए उचित एवं ऐच्छिक
सेवा भावना को प्रोत्साहन देना । (उ). समाज के सत्य, अहिंसा,
प्रेम एवं एकता को प्रोत्साहन देना ।
(ऊ). समाज के हितों की रक्षा
तथा सामाजिक अभावों को दूर करना ।
(ए). समाज के जीवन स्तर को ऊॅचा
उठाना तथा चरित्र निर्माण करना ।
(ऐ). राष्ट्र के समस्त
नागरिकों के साथ बिना किसी लिंग जाति तथा धर्म भेद के भातृत्व भाव
बढ़ाना और सामाजिक निर्योगिताओं को दूर करना तथा कराना ।
(ओ). समाज में
मादक वस्तुओं के सेवन का निषेध करना ।
भारतीय गणराज्य की सीमाएं सभा की सीमाएं तथा कार्य क्षेत्र होंगे। प्रत्येक व्यक्ति जो रैगर जाति का है तथा महासभा की सीमा एवं कार्यक्षेत्र का निवासी है उस पर यह विधान पूर्ण रूप से लागू होगा। प्रत्येक रैगर स्त्री व पुरूष जिसकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो, महासभा का प्राथमिक सदस्य माना जावेगा।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा। चुनाव में केवल महासभा के आजीवन सदस्य ही मतदान करने के पात्र होंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदों में-
- राष्ट्रीय अध्यक्ष-1
- राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष-1
- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-6
- राष्ट्रीय महासचिव-6
- राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष-1
- राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष-1
- राष्ट्रीय सचिव-6
- राष्ट्रीय उप सचिव-4
- राष्ट्रीय प्रचार एवं प्रसार सचिव-4
- राष्ट्रीय संगठन सचिव-4
- राष्ट्रीय सदस्य कार्यकारिणी-51
देश के प्रत्येक प्रदेश, जिले एवं तहसील/ब्लॉक में अखिल भारतीय रैगर महासभा की शाखाऐं होगी जो अखिल भारतीय रैगर महासभा की प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों के ना से नामित होगीं। प्रत्येक प्रदेश अपना एक मुख्य कार्यालय स्थापित करेगा। परन्तु कार्यालय के स्थान की पूर्व स्वीकृति महासभा की कार्यकारिणी से लेनी होगी। प्रादेशिक सभा की कार्यकारिणी महासभा की कार्यकरिणी से स्वीकृति लेकर अपना कार्यालय अन्यंत्र बदल सकेगी। राष्ट्र के सभी प्रदेश एवं उनके जिले महासभा के क्षेत्र होगें। प्रत्येक प्रदेश, जिला एवं तहसील/ब्लॉक ईकाइयों में कुल मिलाकर 22 पदाधिकारी होगें।
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक अध्यक्ष -1
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक उपाध्यक्ष -2
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक महासचिव -1
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक सचिव -2
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक संगठन सचिव -2
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक प्रचार/प्रसार सचिव -2
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक कोषाध्यक्ष -1
- प्रदेश, जिला, तहसील/ब्लॉक कार्यकारिणी सदस्य -11
उपरोक्तानुसार ही युवा प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होगा ओर उसमें भी 22 पदाधिकारी होंगे ।